X Ray Kaise Hota Hai Hindi 2023: Useful Info

X Ray Kaise Hota Hai Hindi

X Ray Kaise Hota Hai : एक्स-रे (X-ray) एक प्रकार का विद्युत तरंगों का उपयोग करने वाला एक प्रकार का अवकाश चित्रण होता है जो शरीर के अंदर की छवियां उत्पन्न करता है। एक एक्स-रे मशीन एक विशेष क्षेत्र में उच्च-ऊर्जा विद्युत तरंगों के एक बेम (beam) को बाहर निकालती है जो शरीर में प्रवेश करता है। ये तरंगें शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से गुजरते हुए एक डिटेक्टर पर ट्रैक करती हैं जो छवि के रूप में दिखाई देती है।

इस प्रक्रिया में यह जरूरी होता है कि शरीर के अंदर डेटा को सही ढंग से संग्रहित किया जाए। इस उद्देश्य के लिए, व्यक्ति को एक विशेष एक्स-रे प्लेट (X-ray plate) पर लेटा जाता है जो उसके शरीर के संबंधित हिस्से के निकट प्लेस्ड होती है। यह एक्स-रे एक अनुपस्थिति में भी की जा सकती है।

एक्स-रे प्रक्रिया एक सामान्य विशेषज्ञ या एक टेक्नोलॉजिस्ट द्वारा की जाती है। प्रक्रिया के दौरान, प्रत्येक शरीर के अंगों को एक-एक करके एक्स-रे के अंतर्गत लाया

X Ray Kaise Hota Hai

एक्स रे से क्या क्या पता चलता है?

  • एक्स रे से निम्नलिखित विषयों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है:
  • अस्थि विकार: एक्स रे से अस्थि विकारों की जांच की जाती है। इससे डिजिटल अस्थि स्कैन की तुलना में अस्थि विकारों का निर्णय और स्पष्टता से पता लगाया जा सकता है।
  • पुरानी फ्रैक्चर: एक्स रे छवियों का उपयोग विभिन्न तरल पदार्थों के अंदर पुरानी फ्रैक्चर जैसे हड्डियों या बाहरी उपकरणों को दिखाने के लिए किया जाता है।
  • फेफड़ों के विकार: एक्स रे की मदद से फेफड़ों के विकार जैसे कि फेफड़ों में संकुचन, फेफड़ों में निंदा, अविकासित फेफड़े आदि का पता लगाया जा सकता है।
  • विशेष अंगों का पता लगाना: एक्स रे छवियों के माध्यम से विशेष अंगों जैसे कि दांत, ब्रेन, कलेजे आदि की जांच की जा सकती है।
  • कैंसर: एक्स रे छवियों का उपयोग कैंसर जैसी बीमारियों के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

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X Ray कैसे किया जाता है?

एक्स रे का प्रक्रिया निम्न चरणों में सम्पन्न किया जाता है:

रखरखाव: रोगी को उसके बारे में पूछा जाता है और उसे एक्स रे के बारे में समझाया जाता है। उससे पहले, रोगी से विभिन्न पॉजीशन में रखरखाव करवाया जाता है।

पहनावा निकालना: रोगी को उसके पहनावा निकालना होता है, जिससे एक्स रे का प्रभाव पुरे शरीर पर पड़ सके।

एक्स रे मशीन में रखना: रोगी को एक्स रे मशीन पर लेटाया जाता है। अधिकांश एक्स रे मशीन में लेटने के लिए खास प्लेट होती है जो रोगी के बैक और स्पाइन का समर्थन करती है।

फिल्म की निकासी: उस समय, एक्स रे मशीन फिल्म के ऊपर बेडी जैसी एक उपकरण से स्कैनिंग करती है जो एक्स रे छवि को कैप्चर करता है।

विश्लेषण: फिल्म में एक्स रे छवि का विश्लेषण एक रेडियोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है, जो इसका मतलब समझता है और उसे रिपोर्ट करता है। रिपोर्ट दर्शाती है कि क्या एक्स रे छवि में को

X Ray में कितना खर्च आता है?

एक्स-रे की लागत विभिन्न फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे कि आपके चयनित टेस्ट के प्रकार, आपके जिले और राज्य के अनुसार मूल्य विभिन्न हो सकते हैं।

भारत में, जब आप एक्स-रे टेस्ट के लिए जाते हैं, तो आमतौर पर एक्स-रे टेक्नोलॉजी और जांच के प्रकार के आधार पर लागत 100 से 500 रुपए के बीच होती है। इसके अलावा, आपके राज्य के विभिन्न अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों में भी भिन्न लागत लग सकती है।

इसलिए, यदि आप एक्स-रे टेस्ट करवाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपने निकटतम डायग्नोस्टिक सेंटर या अस्पताल से संपर्क करना चाहिए और उनसे लागत के बारे में पूछना चाहिए।

एक्स रे करने में कितना टाइम लगता है?

एक्स-रे टेस्ट करने में विभिन्न फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जैसे कि आपके द्वारा चयनित टेस्ट के प्रकार और उसके लिए आवश्यक प्रणाली के अनुसार टेस्ट करने में समय लगता है।

उदाहरण के लिए, जब आप साधारण एक्स-रे टेस्ट करवाने जाते हैं, तो यह आमतौर पर कुछ मिनटों में पूरा हो जाता है। इसके अलावा, अन्य टेस्ट जैसे कि सीटी स्कैन, एमआरआई आदि के लिए समय अधिक लग सकता है। इसलिए, आपको अपने डॉक्टर या टेक्नोलॉजिस्ट से अपने चयनित टेस्ट के लिए समय के बारे में पूछना चाहिए।

क्या एक्स रे खाली पेट होना चाहिए?

आमतौर पर, X Ray टेस्ट कराने से पहले खाने पीने से कुछ घंटे पहले रोक देने की सलाह दी जाती है। इससे आपकी फाइल्म पर आर्टिफैक्ट नहीं आता है और इससे आपके टेस्ट के नतीजों में सटीकता बढ़ती है।

एक्स-रे टेस्ट कराने के लिए आमतौर पर 4 से 6 घंटे तक भूखा रहना सलाह दी जाती है। यदि आप टेस्ट के लिए जाते हैं और आपने खाने पीने का समय लगभग समाप्त कर दिया है, तो आपको अपने टेस्ट के समय पर आना चाहिए।

हालांकि, कुछ विशेष X Ray टेस्ट होते हैं जिनके लिए आपको खाने-पीने के समय में कोई प्रतिबंध नहीं होता है। आपके डॉक्टर या टेक्नोलॉजिस्ट आपको टेस्ट के लिए तैयार करने के लिए सभी आवश्यक निर्देश देंगे।

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एक्स रे का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

एक्स-रे टेस्ट के दौरान शरीर पर रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन के सामने होने से शरीर के कुछ भागों में कुछ प्रभाव हो सकते हैं।

अधिकतम सुरक्षा के लिए, एक्स-रे के दौरान शरीर के अन्य हिस्सों को सुरक्षित रखने के लिए आमतौर पर एक लोगों को

एक्सरे कराने से पहले क्या खाना चाहिए?

एक्स-रे टेस्ट के लिए खाने-पीने की कुछ विशेष निर्देश होते हैं। इन निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है ताकि टेस्ट के परिणाम पर कोई असर न हो। X Ray कराने से कम से कम 4 घंटे पहले कुछ नहीं खाया जाना चाहिए। यदि आप खाना खाने से पहले या टेस्ट के दौरान प्यासे हों तो आप पानी पी सकते हैं।

टेस्ट के दौरान एक्स-रे के विभिन्न भागों को देखने के लिए आपको वह भाग उज्ज्वल दिखाने के लिए एक विशेष रंग के द्वारा दिखाया जाता है। इसलिए, टेस्ट के दिन लाल, पीले और नारंगी रंग के वस्तुओं का उपयोग न करें। सफेद रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। आपके चिकित्सक आपको टेस्ट के लिए अन्य निर्देश भी दे सकते हैं, इसलिए आपको उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए।

एक्सरे का क्या काम होता है?

एक्स-रे (X-ray) एक तकनीक है जिससे चिकित्सा विशेषज्ञ शरीर के भिन्न अंगों की छवि बनाकर उनमें किसी भी समस्या की जांच कर सकते हैं। इसका उपयोग बोन स्कैन, कंप्यूटराइज्ड टमोग्राफी (CT) स्कैन, पेट स्कैन, दांत चिकित्सा, ब्रोंकोस्कोपी और अन्य विशेष परीक्षणों के लिए किया जाता है।

एक्स-रे एक विशेष प्रकार की ऊर्जा को उत्पन्न करता है जो कि पेशीय संरचनाओं को छुए बिना गुजरती है। यह ऊर्जा पेशीय संरचनाओं से गुजरते हुए एक छवि बनाने के लिए एक स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाती है। चिकित्सा विशेषज्ञ इस छवि का उपयोग करते हुए रोगी की समस्या का पता लगाते हैं और इसे उपचार करने के लिए उपयुक्त उपाय बताते हैं।

एक्स-रे टेस्ट विभिन्न उपयोगों के लिए किए जाते हैं, जैसे कि इंटरनल ऑर्गन की स्थिति का दर्शन करने के लिए, कैंसर के जांच के लिए, बोन फ्रैक्चर, ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य स्कैनिंग प्रोसेस के लिए।

सोनोग्राफी और एक्सरे में क्या अंतर है?

सोनोग्राफी (Sonography) और एक्स-रे (X-ray) दोनों ही चिकित्सा परीक्षण हैं जो उपयुक्त छवियों की जांच करने में मदद करते हैं। इन दोनों के बीच अंतर होता है।

एक्स-रे टेस्ट विशेष तरल पदार्थ (fluid) को श्मशान, हड्डियों और अंतरंग अंगों की छवियों के लिए किया जाता है। एक्स-रे के दौरान एक विशेष प्रकार की ऊर्जा उपयोग की जाती है जो शरीर के अंदर चलती है और स्क्रीन पर एक छवि बनाती है।

दूसरी ओर, सोनोग्राफी शरीर के अंदर उच्च आवृत्ति के ध्वनियों का उपयोग करती है जो शरीर के अंदर के वसा, पेशियों, अंगों और अंतरंग अंगों की छवियों के लिए इमेजिंग का उपयोग करती है। यह ध्वनि तरंगों को शरीर में भेजती है जो उस संरचना से टकराती है जो आप देखना चाहते हैं और एक छवि बनाती है।

इसलिए, दोनों परीक्षणों में अंतर होता है। एक्स-रे तरल पदार्थों की छवियां देता है जबकि सोनोग्राफी शरीर के अंदर के वसा, पेशियों, अंगों

निष्कर्ष

सारांश के रूप में, सोनोग्राफी और एक्स-रे दोनों चिकित्सा परीक्षण हैं जो उपयुक्त छवियों की जांच करने में मदद करते हैं। हालांकि, एक्स-रे तरल पदार्थों की छवियां देता है जबकि सोनोग्राफी शरीर के अंदर के वसा, पेशियों, अंगों और अंतरंग अंगों की छवियों के लिए इमेजिंग का उपयोग करती है।

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